गुरुवार, 27 जनवरी 2011
Roshi: माँ
Roshi: माँ: "माँ के आने का कर रही थी मैं इंतजार मन में था आनंद और उनके लिए प्यार अभी सुबह माँ से हुई थी फ़ोन पर बात जल्दी आओ , मन नहीं लग रहा ..."
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माँ का स्पर्श होता जादुई तिलिस्म औलाद के वास्ते जन्म से चंद लम्हों में ही पा जाती औलाद सम्पूर्ण सुख दुनिया के माँ के आंचल में सिमटी होती ब...
1 टिप्पणी:
माँ का इन्तेज़ार भी कितना मुश्किल होता है..
http://bachhonkakona.blogspot.com/
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