क्यूंकि उसके साथ- साथ नासूर भी हो जाते हैं
फिर देते हैं टीस , कर जाते हैं घायल रूह को
तो सोचा क्यूँ हटाऊं इस गर्द को मई भी
मरहम का काम इससे ज्यादा न कर सकेगा कोई भी
दब जाते हैं इसके नीचे सभी जख्म और घाव
अनगिनत है जो शायद गिन भी न सकेगा कोई भी ....
श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...