किया कुछ नासमझों ने धर्मग्रन्थ का अपमान
क्यूँ नहीं करते हैं दुसरे मजहब का सम्मान
क्यूँ दूसरे मजहब का नहीं करना चाहिए सम्मान
हों वो चाहे हिन्दू, सिख, इसाई या मुस्लमान,
खून उबलता है, निकाल लेते हैं फ़ौरन गैर कानूनी सामान
क्यूँ नहीं ज़रा भी समझते की सभी धर्म हैं एक समान
ईशवर तो एक ही है क्यूँ है बिखर गयी इसकी संतान
सभी धर्म, हर मजहब, और पंथ बनाता तो यही है इन्सान
क्यूँ न हम सिखाएं बच्चों को की करें वो हर धर्म का सम्मान
गर चाहें हम तो दिखा दें विश्व को सर्व धर्म का सम्मान करता है हिंदुस्तान
फिर क्यूँ करता है यह दंगे, तोड़ फोड़ , बर्बादी और घमासान ?