सावन की बद्री में
झूलो की बद्री में
तुम याद बहुत आओगी
बारिश की फुहारों में
तृप्त करती बौछरो में
तुम याद बहुत आओगी
मेहंदी के बूंदों में
रंग बिरंगे सूटों में
तुम याद बहुत आओगी
रंग बिरंगी चुनर में
लहंगे की घुमर में
याद बहुत आओगी
मेघो की घन घन में
पायल की छन छन में
तुम याद बहुत आओगी
चमकती बिंदिया से
छनकति पायलिया में
तुम याद बहुत आओगी
झूलो की बद्री में
तुम याद बहुत आओगी
बारिश की फुहारों में
तृप्त करती बौछरो में
तुम याद बहुत आओगी
मेहंदी के बूंदों में
रंग बिरंगे सूटों में
तुम याद बहुत आओगी
रंग बिरंगी चुनर में
लहंगे की घुमर में
याद बहुत आओगी
मेघो की घन घन में
पायल की छन छन में
तुम याद बहुत आओगी
चमकती बिंदिया से
छनकति पायलिया में
तुम याद बहुत आओगी