मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

प्रेम दिवस


आज दुनिया मना  रही है बेलेंतिने  दिवस
अद्भुत प्रेम प्रदर्शन करने का सुंदर दिवस
सिर्फ एक दिन ही क्यूँ इस प्रेम के लिए
३६४ दिवस क्या कम हैं इस प्रेम के वास्ते
क्योँ झुटा प्रेम प्रदर्शन ,क्योँ झूटे हाव-भाव इस दिवस पर
अगले वेर्ष कौन सा रिश्ता रहेगा साथ ,किसी को न पता आज इस दिवस पर
मीरा का अपने आराध्य से अद्भुत प्रेम ,राधा का सांवरे से अनोखा प्रेम
सीता का राम से प्रेम ,और सावित्री का सत्यवान से अतुलनीय प्रेम
सब भुला बैठे हम और अपना बैठे पाश्चात्य शैली दिखाने को प्रेम
जिसकी ना कोई नीव ,ना ही मंजिल ना ही कोई है भविष्य
बस अन्धानुकरण करना पश्चिम का और दिखाना दो घडी का झुटा प्रेम
मात्र एक दिवस का प्रदर्शन कर, क्योँ? हो रहे हम शामिल इस आपाधापी में
हमारी सभ्यता ,बेद ,पुराण तो रचे -बसे पड़े हैं हमको बताते इस प्रेम से
 गुरु -शिष्य ,माता -पिता ,बहिन -भाई ,पति -पत्नी ,मित्र ,बंधू ,वान्धव
ढेरो है रिश्ते  ,कभी भी कही भी निभाने को इस अद्भुत प्रेम को
तो फिर क्यूँ ना रंग जाये प्रेम के इन अनगरित रूपों में
और साल के ३६५ दिन रोज़ मनाये प्रेम दिवस के रूप में  

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...