मंगलवार, 19 दिसंबर 2017





गिरगिट सरीखे रंग बदलना 
कबूतर मानिद आँख मूँद लेना 
गीध सी तेज नज़र ,बहुत कुछ है सीखना 
जिन्दगी जीना है अगर तो पड़ेगा जरूर सीखना 
लोमड़ी सी मौकापरस्ती ,इन जानवरों से सीखो जीना
देखे हैं हमने ढेरों पारंगत इन विविध कलाओं में
सीको दोस्तों इनसे कुछ बरना मुस्किल हो जायेगा जीना


बलशाली 
कितने चतुर ,और कितने काबिल 
उम्दा वीर और महान बलशाली 
देखे और सुने हैं धराशायी होते हमने 
आँखों से भरभराते साम्राज्य को देहते हमने 
और जब चला ऊपरवाले का रहमोकरम 
चींटी को भी तमाम कायनात सम्हाले देखा हमने

Roshi: शिकायतें ,रिवायतें ,निभाते चले गए रस्मों ,रिवाजों ...


                                                                  

 
 शिकायतें ,रिवायतें ,निभाते चले गए  रस्मों ,
रिवाजों के मकड़जाल को सुलझाते चले गए  
ना कुछ हासिल कर सके ,
ना ही कुछ बदल सके  हम सब ही ढोल चाहे आ...
                                                                 साम्राज्य


कितने चतुर ,और कितने काबिल 
उम्दा वीर और महान बलशाली 
देखे और सुने हैं धराशायी होते हमने 
आँखों से भरभराते साम्राज्य को देहते हमने 
और जब चला ऊपरवाले का रहमोकरम 
चींटी को भी तमाम कायनात सम्हाले देखा हमने
                                                                          .....रोशी
आध्याए



मदद करो और भूल जाओ सिखाया था माँ ने हमको 
इससे आगे का पाठ ना पदाया था माँ ने हमको 
राहे जिन्दगी ने सिखाया नया आध्याए हमको 
अपनी खुशियाँ ,उसूल ,जिन्दगी को दरकिनार कर 
ना करो मदद दोस्तों तजुर्बे ने सिखाया हमको
रोशी...

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...