बुधवार, 20 दिसंबर 2017




जियो अपने लिए ,हंसो अपने लिए


सोचो सिर्फ अपनी ही भूलों के लिए


ख़ुशी महसूस करो अपना आत्मचिंतन कर


अवसाद के चंद लम्हे गुजारो अत्मिश्लेशन कर


जीवन गुजारो निज आत्मा को शुद्ध करके


जैसे घर को बुहारते हो नित्य साफ़ -सफाई करके


जीवनकाल तो इतना सूक्षम है निज मंथन के लिए


बाल्यावस्था से वृधावस्था तक ना किया कुछ स्व विकास के लिए

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...